माँ की आखरी इच्छा..दिल को छू लेने वाली कहानी। 🤱

“माँ खुद नहीं सोई हमें सुलाया,

हर कहानी और किस्सों से हमें हंसाया,

हर मुश्किल और परेशानी को गले से लगाया,

और हमें दुनिया में कुछ अलग तरीके से जीना सिखाया।”

आइये आपको एक कहानी सुनाती हूँ| शायद यह कहानी सुन के आपकी आँखे भर जाये क्योकि इस कहानी में एक माँ ने अपने बेटे से अजीबो गरीब अपने एक आखरी इच्छा की फरियाद की  है|

एक बार एक बूढ़ी माँ को उसके बेटे ने एक वृद्ध आश्रम में ले जा कर छोड़ा। इस माँ का ये वही इकलौता बेटा था जिसके लिए इस माँ ने जीवन भर संघर्ष किया।

इस बेटे के लिए वो सब कुछ किया जो एक माँ को करना चाहिए या माँ कर सकती हैं। और आज भी अपने बेटे को किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसलिए आश्रम में रहने के लिए भी तैयार हो गई।

वृद्ध आश्रम में रह रही माँ हमेशा अपने बेटे को याद करती मगर बेटा केवल साल में एक बार उसको मिलने जाता या फिर फोन पर बात कर लेता। कई साल बीत गए।

वृद्ध आश्रम से बेटे को एक दिन फोन आया उन्होंने कहा बेटा जल्दी से आश्रम आ के अपनी माँ से मिल लो वो बहुत सीरियस है।

बेटा जब अपनी बीमार माँ के पास पहुंचा तब वह अपनी आखिरी सांसें गिन रही थी।

बेटे ने अपनी माँ से उसकी आखिरी इच्छा पूछते हुए कहा, “माँ मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकता हूं बताओ”

माँ ने कहा,”बेटा इस आश्रम में गर्मी और मच्छर बहुत ज्यादा है यहां पर कुछ पंखे लगवा देना। फ्रीज ना होने की वजह से यहां पर हम बूढ़ों को कई बार भूखे पेट ही सोना पड़ता है। क्योंकि किसीने दिया हुआ खाना खराब होने से नहीं बचा पाते। तो इस आश्रम के लिए एक-दो फ्रिज भी खरीद कर दे देना।”

बेटे ने अपनी माँ की सारी बात सुनी और अपनी माँ से पूछा, “आपने इतने साल यहां पर निकाल दिए पर आपने कभी भी यह बातें मुझसे नहीं कहीं और अब जब आपके पास टाइम नहीं बचा है तब आप यह सब कह रही है ऐसा

क्यों?” माँ ने बेटे को जवाब देते हुए कहा, ” बेटा मैंने गर्मी, भूख और पीड़ा सहन कर ली लेकिन मुझे पता है जब तेरे बच्चे तुझे यहां पर छोड़कर जाएंगे तब तू यह सब सहन नहीं कर पाएगा इसीलिए तेरी सुविधा के लिए मैं तुझे यह सब लगाने के लिए कह रही हूं!”

खुद से पहले मुझे खाना खिलाती थी वो माँ थी,

मेरे कुछ न कहने पर भी सब समझती थी।

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Storybykahkashan